जयपुर/कासं। फॉर्टिस एस्कॉट्र्स हॉस्पिटल, जयपुर में एक नवजात की जटिल हृदय शल्य चिकित्सा के दौरान एकमो तकनीक का प्रयोग किया गया। इस विधि में रोगी के फेफड़ों और हृदय को बाहरी लाइफ सपोर्ट देकर बचाया जाता है और रोगी को एक नया जीवन प्रदान किया जाता है। एक्सट्रा कासोरिल मेंब्रेन ऑक्सीजनेशन तकनीक (एकमो) डिवाइस एक जीवन रक्षक उपकरण है जिसकी भूमिका शल्य क्रिया के दौरान रोगी के हृदय और फेफड़ों तक कृत्रिम ऑक्सीजन पहुंचना है।यह तकनीक उन रोगियों पर इस्तेमाल की जाती है जो परम्परागत तरीके से सांस लेने में असमर्थ होते हैं। इस प्रणाली में रोगी की किसी एक धमनी को इस उपकरण से जोड़ दिया जाता है, नतीजतन बाइपास तकनीक से पूरे शरीर में रक्त प्रवाह निरंतर बना रहता है।
फॉर्टिस एस्कॉट्र्स हॉस्पिटल, जयपुर के नियोनेटल इन्टेसिव केयर यूनिट में यह सुविधा उपलब्ध है। जिसका प्रयोग नवजात शिशुओं का हृदय और फेफड़े सही तरीके से काम नहीं करने पर ही किया जाता है। यह नवजात शिशुओं की जीवन रक्षा करने में 75 प्रतिशत प्रभावी है। हाल ही में फॉर्टिस एस्कॉट्र्स हॉस्पिटल, जयपुर में डॉ एस.के. कौशल ने 17 दिन के एक नवजात शिशु की इस प्रणाली से जटिल हृदय शल्य चिकित्सा ‘आर्टियल स्विच ऑपरेशन ट्रांसपोजिशन ऑफ ग्रेट आर्टरीजÓ की। यह ऑपरेशन करीब 11 घंटे चला। इस दौरान नवजात को एकमो तकनीक से बाह्म लाइफ सपोर्ट प्रदान किया गया, ताकि उसके हृदय और फेफड़ों को कुछ समय के लिए काम नहीं करना पड़े और मरीज को राहत भी मिलती रहे। सर्जरी पूर्ण होने के बाद एकमो मशीन से निश्चित मात्रा में रक्त शिशु के शरीर में प्रवाहित किया गया, ताकि उसके हृदय को अतिरिक्त भार नहीं झेलना पड़े। तीन दिन की इस प्रक्रिया और जटिल हृदय चिकित्सा के बाद अब यह शिशु एकदम स्वस्थ है। डॉ. एस.के. कौशल, एडिशनल डायरेक्टर फॉर्टिस एस्कॉट्र्स हास्पिटल जयपुर ने इस जटिल हार्ट सर्जरी के बारे में मीडिया को बताया कि उक्त नवजात को यह जन्मजात विकृति थी, शिशु की जांच करने के बाद पाया गया कि इस जटिलता को सर्जरी से दूर किया जा सकता है। महज 17 दिन के इस शिशु की सर्जरी करना काफी कठिन कार्य था, लेकिन 11 घंटे तक अनथक प्रयास के बाद शिशु को बचा पाना संभव हो सका। गौरतलब है कि पहले यह सुविधा केवल महानगरों में ही उपलब्ध थी, लेकिन अब फॉर्टिस एस्कॉट्र्र्स हास्पिटल जयपुर में इस सुविधा के उपलब्ध होने से राजस्थान के शिशुओं को किसी जटिल हृदय चिकित्सा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
इस मौके पर फॉर्टिस एस्कॉट्र्स हास्पिटल जयपुर के जोनल डायरेक्टर प्रतीम तम्बोली ने कहा कि हमारा यही प्रयास रहा है कि हम प्रदेश में नवीनतम चिकित्सा प्रणाली का उपयोग कर इसका लाभ पहुंचाएं।