Monday, December 15, 2025 |
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देश को विकसित बनाने में भौतिक विकास के साथ बौद्धिक-चारित्रिक विकास की महत्ती भूमिका: राज्यपाल बागडे

by Business Remedies
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बिजनेस रेमेडीज़/जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि देश के विकास के लिए सडक़, भवन और पुल जैसे भौतिक संसाधनों की जरूरत होती है, लेकिन देश सही मायनों में विकसित तब होता है, जब प्रत्येक नागरिक शारीरिक, बौद्धिक और चारित्रिक रूप से सशक्त होगा। उन्होंने युवाओं के कौशल्य विकास पर जोर दिया और अध्ययनशीलता के विकास का आह्वान किया।
राज्यपाल बागडे ने मंगलवार को राजस्थान पशु विज्ञान एवं पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय, बीकानेर के 8वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए यह उद्गार व्यक्त किए।
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के मीरा बाई सभागार में आयोजित समारोह के दौरान राज्यपाल ने कहा कि गुरुकुल शिक्षा पद्धति में विद्यार्थी को शिक्षा के साथ कौशल विकास और चरित्र निर्माण की शिक्षा मिलती थी। आज भी शिक्षार्जन और डिग्री हासिल करने के साथ विद्यार्थी खेल, शारीरिक व्यायाम आदि गतिविधियों में भी भागीदारी निभाएं। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे गुरु दक्षिणा के रूप में विश्वविद्यालय परिसर में एक-एक पौधा लगाएं और उसकी देखभाल करें। यह आने वाली पीढय़िों के लिए प्रेरणादायी होगा।
राज्यपाल ने कहा कि हमारा देश पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान के क्षेत्र में आरम्भ से ही समृद्ध रहा है। ऋग्वैदिक काल में भी पशुपालन पूर्णतया विकसित था। अथर्ववेद में पशुओं की बीमारियों, आयुर्वेदिक दवाओं और बीमारियों के इलाज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां हैं। शालिहोत्र दुनिया के पहले ज्ञात पशु चिकित्सक थे। उनका लिखा ग्रंथ शालिहोत्र संहिता, पशु चिकित्सा पर महत्वपूर्ण ग्रंथ है। उन्होंने विश्वविद्यालय में यह ग्रन्थ उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए, जिससे विद्यार्थियों को इनकी जानकारी हो सके।
राज्यपाल ने कहा कि पशु चिकित्सा और विज्ञान के प्राचीन ज्ञान से नई पीढ़ी को अवगत करवाया जाए। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है। यहां गिर, साहीवाल और मुर्रा जैसी नस्लें उच्च गुणवत्ता का दुध देती हैं। इसके अलावा बकरी, भेड़ और मुर्गी पालन भी विकसित अवस्था में है। इस दिशा में और कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने विश्वविद्यालय की गतिविधियों की सराहना की।
इस दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के त्रैमासिक न्यूजलेटर के नवीनतम अंक, विश्वविद्यालय की एक वर्ष की प्रगति पुस्तिका का लोकार्पण किया। विश्वविद्यालय में 2 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले अरुधंति कन्या छात्रावास का शिलान्यास किया। उन्होंने निजी महाविद्यालयों के एफिलेशन मैनेजमेंट सिस्टम, पुनर्निर्मित वेबसाइट और कार्मिकों की उपस्थिति के फेस रिकॉग्नेशन सिस्टम की शुरुआत की।



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