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Home अर्थव्यवस्था

सरकार का रसायनों के आयात में कटौती करने, भारत को बड़ा विनिर्माण केन्द्र बनाने पर जोर

23 august 2019

Business Remedies by Business Remedies
August 23, 2019
in अर्थव्यवस्था, बिज़नेस रेमेडीज, मुख्य न्यूज़ स्लाइड
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सरकार का रसायनों के आयात में कटौती करने, भारत को बड़ा विनिर्माण केन्द्र बनाने पर जोर
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सरकार रसायनों और पेट्रो-रसायनों के आयात में कटौती करने तथा भारत को इस क्षेत्र में एक बड़ा विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए इनके घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बना रही है।

2018- 19 में रसायन और पेट्रोकेमिकल का शुद्ध आयात सालाना 1.21 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।  रसायन और पेट्रोकेमिकल्स सचिव पी राघवेंद्र राव ने कहा कि इस उद्योग में क्षमता उपयोग वर्तमान 75-80 प्रतिशत से आगे बढ़ाने और अनावश्यक आयात में कटौती करने की आवश्यकता है।

उन्होंने अज्ञात अन्य श्रेणियों के तहत रसायनों और पेट्रोकेमिकल्स के आयात पर चिंता व्यक्त की और कहा कि सरकार आयात की आने वाली खेपों को विनियमित करने के लिए विशिष्ट कोड प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत को रसायनों और पेट्रोकेमिकल्स का बड़ा विनिर्माण केंद्र बनना चाहिए। ”हम उस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।ÓÓ सचिव ने कहा कि सरकार चाहती है कि कारखानों को एक क्लस्टर में लाया जाए ताकि एक ही स्थान पर सभी बुनियादी सुविधाओं को प्रदान कर सके।

राव ने कहा कि देश का शुद्ध आयात वर्ष 2018-19 में बढ़कर 1.21 लाख करोड़ रुपये का हो गया जो वर्ष 2004-05 में मात्र 1,000 करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि एक अनुमान है कि अगले पांच वर्षों में यह आंकड़ा तीन लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। उन्होंने गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन के लिए उद्योग की पूर्ण विनिर्माण क्षमता के उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। सचिव ने कहा कि सरकार का ध्यान ‘क्षेत्र को मजबूत करनेÓ पर है जिससे घरेलू उत्पादन में वृद्धि होगी और अनावश्यक आयात में कमी आएगी। मंत्रालय इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की दिशा में भी काम कर रहा है। रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग में निदेशक धर्मेंद्र कुमार मदान ने कहा कि इस उद्योग का वर्तमान आकार 164 अरब डालर का है जो सालाना 6-7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।

मदान ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र के लिए नौ प्रतिशत की वृद्धि दर का लक्ष्य निर्धारित किया है और वह तदनुसार नीति बना रही है।

 

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