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Home कमोडिटी

देशी चना 5000 रुपए बनने की ओर अग्रसर

Aug 13 2018

admin@bremedies by admin@bremedies
August 13, 2018
in कमोडिटी
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देशी चना 5000 रुपए बनने की ओर अग्रसर
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नई दिल्ली
देशी चने की आवक उत्पादक मंडियों में काफी कम रह गयी है। दूसरी ओर आयातशुल्क बढऩे आस्ट्रेलिया, कनाडा से आने वाला चना काफी महंगा पड़ेगा। इन हालातों को देखते हुए वर्तमान भाव के चने की लिवाली में भरपूर लाभ मिल सकता है तथा यह कार्तिक मास से पहले 5000 रुपए बन सकता है।
राज्यों की उत्पादक मंडियों में सीजन से अब तक इस बार चने की आवक तेजी से घट गयी है तथा राजस्थान की बीकानेर लाइन में इन दिनों तक 50-55 हजार बोरी दैनिक आवक हुआ करती थी, जो इस बार 15-16 हजार बोरी पर सिमट गयी है, जिससे वहां पड़ते से 150/200 रुपए ऊंचे भाव चल रहे हैं। इसी तरह सवाईमाधोपुर, सरदारशहर, तारानगर, सार्दुलपुर के साथ-साथ एमपी की इंदौर, सागर, भोपाल, ग्वालियर आदि मंडियों में भी आवक सिमटकर एक-चौथाई रह जाने से दिल्ली के पड़ते से ऊंचे भाव हो गये हैं, दिल्ली के लिए लोडिंग घट गयी है। सरकारी अनुमान चने का उत्पादन 110 लाख टन का लगाया गया था, लेकिन एमपी, राजस्थान व महाराष्टï्र के कारोबारी इसे पूरी तरह फर्जी मानते हैं। व्यापारियों का कहना है कि गत वर्ष राजस्थानी चना मंडियों में पूरा प्रैशर में आता था, जबकि इस बार केवल 10-15 प्रतिशत आवक रह गयी है। वर्तमान उत्पादक क्षेत्रों से मिले व्यापारिक आंकड़ों के मुताबिक 80 लाख टन से अधिक नहीं आएगा। दूसरी ओर आस्ट्रेलिया का चना तेजी से खपत हो रहा है तथा 70 प्रतिशत आयात शुल्क लगने एवं 10 प्रतिशत, शुल्क पर सैस लगने से 77 प्रतिशत कुल शुल्क बनता है तथा आयातकों को पहले ही भारी नुकसान लग जाने से किसी के पास फंड नहीं है। इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान भाव के चने में दूर-दूर तक रिस्क नहीं है। दूसरी ओर मटर, जो देशी चने से गत वर्ष 50 प्रतिशत नीचे बिक रही थी, वह इस बार उसके बराबर हो गयी है तथा इस भाव में भी मटर नहीं मिल रही है। काबली चने के भाव भी ऊंचे हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए यहां जो 4350 रुपए राजस्थानी चना बिक रहा है, उसके भाव 5000 रुपए क्विंटल चालू माह के अंतराल बन सकते हैं।
(एनएनएस)

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