मुंबई। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बुरी खबर है। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है। पिछली 26 तिमाहियों में यह भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे धीमी विकास दर है।
एक साल पहले यह 7 प्रतिशत थी जबकि पिछली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी। इसके अलावा, अक्टूबर महीने में 8 कोर सेक्टरों का इंडस्ट्रियल ग्रोथ -5.8 प्रतिशत रही है।
कोर सेक्टर में बड़ी गिरावट: बीते अक्टूबर महीने में भारत के कोर सेक्टर में एक बार फिर बड़ी गिरावट आई है। सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक एक साल पहले के मुकाबले कोर सेक्टर में 5.8 फीसदी की कमी आई है। बता दें कि कोर सेक्टर के 8 प्रमुख उद्योग में कोयला, कू्रड, ऑयल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, फर्टिलाइजर्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी आते हैं। इनकी भारत के कुल इंडस्ट्रियल आउटपुट (औद्योगिक उत्पादन) में करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी होती है।
कोर प्रोडेक्शन की बात करें तो 17.6 फीसदी की गिरावट आई है जबकि क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस प्रोडक्शन में क्रमश: 5.1 फीसदी और 5.7 फीसदी की कमी आई है। सीमेंट प्रोडेक्शन में 7.7 फीसदी और स्टील प्रोडेक्शन में 1.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह इलेक्ट्रिसिटी प्रोडेक्शन 12.4 फीसदी लुढ़क गया है। सिर्फ फर्टिलाइजर्स सेक्टर के प्रोडेक्शन में बढ़त देखने को मिली है। यह सेक्टर एक साल पहले के मुकाबले में 11.8 फीसदी की दर से बढ़ा है।