जयपुर। माल परिवहन में रोड़ ट्रांसर्पोटेशन की अहम भूमिका है। ट्रांसर्पोटेशन की लागत को नियंत्रण में रखने के लिए बड़े ट्रैलर की आवश्यकता होती है। जिससे कम डीजल खपत में अधिक से अधिक माल की आपूर्ति एक स्थान से दूसरे स्थान को की जा सके। देश में एनएचएआई द्वारा टोल वसूल सड़कों को जाल देश में तेजी से बिछाया गया है और नियमित रूप से सड़के अधिक चौड़ी और सुविधाजनक होती जा रही है। यह स्थिति ना सिर्फ रोड़ ट्रांसर्पोटेशन के बिजनेस को बढ़ावा दे रही है बल्कि इससे क्वालिटी ट्रैलर मैन्यूफेक्चरिंग उद्योग को बल मिल रहा है। प्रदेश में ट्रैलर निर्माण में जयपुर आधारित कंपनी कॉर-बी इंजिनियरिंग कॉर्पोरेशन अहम भूमिका निभा रहा है। हाल ही में कंपनी द्वारा देश की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम कंपनी हिंडाल्को के साथ इनोवेटिव एल्यूमिनियम ट्रैलर निर्माण एवं आपूर्ति करने के लिए करार किया गया है। कंपनी का नेतृत्व युवा उद्यमी जय मूलचंदानी द्वारा किया जा रहा है। बिजनेस रेमेडीज की टीम ने उनसे मिलकर कंपनी की कारोबारी शुरुआत एवं व्यक्तिगत अनुभव, कारोबारी गतिविधियां, एन्यूमिनियम ट्रैलर की विशेषता, भावी योजना और कारोबारी समस्या जैसे विषयों के संबंध में चर्चा की।
प्रश्न: आपकी कारोबारी शुरुआत और व्यक्तिगत अनुभव के संबंध में बताईये?
मूलचंदानी: मैंने वर्ष 2015 में मैकेनिकल विषय में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद अनुभव लेने के लिए नौकरी करने का फैसला लिया। सबसे पहले मैंने महिन्द्रा ट्रक में नौकरी की। यहां पर मुझे कंपनी के ट्रक बिक्री के लिए प्रचार हेतु लीफलेट बांटने का काम मिला। मेरे अच्छे प्रदर्शन और आत्मविश्वास को देखते हुए मुझे कंपनी की सेल्स टीम में चुन लिया गया।
एक बार मैं मार्केट में काम करा रहा था तो यहां पर मैरे काम को वीई कॉमर्शियल व्हीकल वोल्वो के नेशनल हैड ने देखा और वें मेरे काम से प्रभावित हुए। इस पर उन्होंने मुझे वोल्वो के साथ जुडऩे का ऑफर दिया।
मैंने इस ऑफर को अच्छा मौका मानते हुए वोल्वो के साथ जुडऩे का फैसला लिया। वोल्वो में 5 स्टेज पर मेरा इंटरव्यू हुआ और मुझे वोल्वो जोधपुर में बतौर मैनेजर ऑन रोल चुन लिया गया। यहां मंैने 8 महिने काम करने के बाद इंडस्ट्री का व्यापक अनुभव हासिल किया। फिर मैंने स्वयं का कारोबार करने की ठानी। कंपनी के १० लाख रुपये के सालाना पैकेज को छोड़कर स्वयं का कारोबार करने का फैसला आसान नहीं था लेकिन मैंने अपने पिता से 50 हजार रुपये उधार लेकर कारोबार शुरू किया। मंैने कोर-बी ब्राण्डनेम के साथ ट्रैलर निर्माण एवं बिक्री के लिए हिंदुस्तान ट्रैलर कॉर्पोरेशन की स्थापना की।
प्रश्न: कॉरबी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन की कारोबारी गतिविधियों के संबंध में बताईये?
मूलचंदानी: यह कंपनी इस सोच और ध्येय के साथ शुरू की गई थी कि इसमें ग्राहकों को लाईफ टाइम ट्रांसपोर्ट सोल्यूशन उपलब्ध करवाया जाये। कंपनी में प्रमुखता से फेब्रिकेशन के माध्यम से टै्रलर निर्माण एवं बिक्री का कार्य किया जाता है। कंपनी द्वारा लोहे के ट्रैलर को कोर-बी ब्राण्डनेम से बिक्री किया जाता है। कंपनी ने हाल ही में देश की सबसे प्रमुख एल्यूमिनियम कंपनी हिंडाल्को करार कर इनोवेटिव एल्यूमिनियम ट्रैलर विकसित किया है और कंपनी इसे ‘हिटको’ ब्राण्डनेम के अन्तर्गत बिक्री कर रही है। कंपनी ने अब तक करीब सैकड़ो ट्रेलर का निर्माण किया है। कंपनी में करीब 70 लोगों की टीम कार्यरत है। कंपनी की निर्माण इकाई रामचन्द्रपुरा क्षेत्र में स्थित है जहां पर 90 हजार वर्ग फुट भूमि पर ट्रैलर का निर्माण कार्य होता है। कंपनी के कार्यालय जयपुर, बाड़मेर, जोधपुर और सोजत सिटी में स्थापित हैं।
प्रश्न: हिटको ब्राण्डेड एल्यूमिनियम ट्रैलर की विशेषताओं के संबंध में बताईये?
मूलचंदानी: एल्यूमिनियम ट्रैलर की विशेषता यह है कि यह इसमें हाई पेडलोड, सुरक्षित और स्थाई रोड़ ट्रांसर्पोटेशन की स्थिति प्राप्त करना आसान होता है। यह लाईट वेट होने कारण डीजल खपत कम होने से प्रति किलोमीटर लागत भी कम आती है। इससे ट्रक मालिक को अधिक आय प्राप्त होती है। इसमें मेंटीनेंस लागत भी कम आती है। प्रति 1 लाख किलोमीटर पर इससे 600 लीटर डीजल की बचत होती है। प्रति किलोग्राम एल्यूमिनियम ट्रैलर से २६ किलो कार्बन डाई ऑक्साईड कम उत्सर्जित होती है। हमारे द्वारा निर्मित एल्यूमिनियम ट्रैलर से कार्बन फुट प्रिन्ट कम करने में मदद मिलेगी। यह शत-प्रतिशत रिसाईकल करने योग्य है और प्राईमरी प्रोडक्ट से रिसाईकल एल्यूमिनियम में तब्दिल करने पर मात्र 5 प्रतिशत ऊर्जा खर्च होती है। वहीं अंत में लोहे के ट्रैलर के मुकाबले एल्यूमिनियम के ट्रैलर में अधिक राशि की प्राप्ति भी होती है। प्रति किलोमीटर लागत कम होने के कारण एल्यूमिनियम ट्रैलर का ब्रेकइवन भी जल्दी निकल आता है। आने वाले सालों में एल्यूमिनियम ट्रैलर की विशेषताओं के चलते यह प्रमुखता से ट्रक में इस्तेमाल होगा।
प्रश्न: आपके कारोबार में किस प्रकार की समस्याएं आती हैं?
मूलचंदानी: वर्तमान में कई गैर-पंजीकृत निर्माण इकाईयों द्वारा बिना लाईसेंस के ही ट्रैलर निर्मित किये जा रहे हैं। असंगठित क्षेत्र की इन इकाईयों से मार्केट खराब हो रहा है और आगे जाकर ट्रक मालिकों को भी कमजोर ट्रैलर से नुकसान होता है। सरकार को स्थाई रोड़ ट्रांसर्पोटेशन के लिए बिना लाईसेंस के ट्रैलर निर्माण करने वाली इकाईयों पर लगाम लगाने के प्रयास करने चाहिए।
प्रश्न: आपकी कंपनी कॉर-बी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन भविष्य में किस प्रकार से प्रगति करेगी?
मूलचंदानी: हमारी कंपनी हिंदुस्तान ट्रैलर कॉर्पोरेशन वर्तमान में करीब सालाना 100 करोड़ रुपये का टर्नओवर की अपेक्षा कर रही है। राजस्थान ट्रैलर निर्माण की दृष्टि से प्रमुख मार्केट है और इस क्षेत्र में हमारी बढ़ती उपस्थिति से हम आश्वस्त हंै कि कंपनी का टर्नओवर आने वाले कुछ वित्त वर्षों में बढ़कर 600 करोड़ टर्नओवर हो जायेगा। ऑयरन ट्रैलर में कंपनी प्रमुख 5 कंपनियों में आती है। कंपनी की योजना अपने कारोबार को प्रदेश के बाहर स्थित राज्यों में मार्केटिंग नेटवर्क बढ़ाकर फैलाने की है। कंपनी वर्तमान में मुरुगप्पा ग्रुप के ऑयरन ट्रैलर का काम देख रही है और कंपनी आने वाले समय में अधिक से अधिक कॉर्पोरेट कंपनियों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने का प्रयास करेगी।