बिजनेस रेमेडीज/कोटा। परिवहन तंत्र केवल औद्योगिक विकास की पटरी तक ही सीमित नहीं है। जीवन के हर क्षेत्र से इसकी महत्ती आवश्यकता और जुड़ाव है। इस तंत्र की महत्ता इसी बात से समझी जा सकती है कि ‘परिवहन ठप्पÓ तो ‘जनजीवन ठप्पÓ। मूल रूप से इसे अर्थव्यवस्था की धुरी कहना युक्तिसंगत होगा। हाल ही में बिजनेस रेमेडीज के कोटा प्रतिनिधि राहुल पारीक द्वारा ट्रांसपोर्ट कम्पनीज एसोसिएशन के नवनिर्वाचित अध्यक्ष जे.पी. शर्मा से भेंट वार्ता की एवं इस उद्योग की प्रमुख समस्याओं के बारे में जाना।
यह है प्रमुख समस्याएं: शर्मा ने बताया कि आर्थिक उदारीकरण के दौर में भी परिवहन तंत्र के फैलाव को देखते हुए मौजूदा ट्रांसपोर्ट नगर पर्याप्त कैसे कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेरे पूर्ववर्ती भी इस बात को उठा चुके हैं और मैं भी फिर से उठा रहा हूं कि ‘वर्तमान परिस्थितियों और आवश्यकताओं को देखते हुए कोटा में नये ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप स्मार्ट सिटी की परिकल्पना करते हैं तो ट्रांसपोर्ट नगर भी तो इसके अनुरूप स्मार्ट होना चाहिए तथा इसकी अपरिहार्यता इस बात के मद्देनजर भी समझी जानी चािहए कि पहले ट्रकों की बॉडी 20 फीट की होती थी अब 60 से 80 फीट की होने लगी है।
सरकार को करना चाहिए इस ओर ध्यान केन्द्रित : शर्मा ने कहा कि प्रशासन और सरकार को देखना चाहिए कि ट्रांसपोर्ट नगर में क्यों अतिक्रमण बढ़ गए हैं, खाली प्लाटों पर अवैध कब्जा करने के लिए पत्थर डाल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस ओर हमने कई बार न्यास अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही किसी भी नगरीय अथवा व्यावसायिक क्षेत्रों की बुनियादी समस्याएं भी होती है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या तो पानी का निकास नहीं होने की है। अब इससे तो क्षेत्र की स्थिति बदतर ही होती चली जाएगी। साथ ही व्यावसायिक सुविधाओं की बात करें तो ट्रक और ट्रैक्टर में भेद नहीं किया जाना चाहिए।
शर्मा ने बताया कि मैंने सचिव रहते हुए ट्रांसपोर्ट नगर विस्तार की कोशिशों में कोई कमी नहीं छोड़ी तथा चुगी आंदोलन भी इसी दिशा में महत्वूपर्ण कड़ी था। शर्मा ने 2017 के अपने पहले अध्यक्षीय कार्यकाल में भी आरटीओ महकमे को कई मुद्दों पर रजामंद करवाया था।
नोटबंदी के बाद से व्यापार पूरी तरह ठप्प : शर्मा ने बताया कि जीएसटी और नोटबंदी के बाद मंदी पूरी तरह हावी है। ऐसे में सरकार के हाथ मदद के लिए अब नहीं उठेंगे तो कब उठेंगे। उन्होंने कहा कि कम से कम इंश्योरेंस और किश्तों की राहत हर व्यवसाय को मिल रही है तो ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को क्यों नहीं?
शर्मा ने कहा कि हैंगिग ब्रिज पर टोल वसूली का क्या तर्क है, इसे क्यों रोका नहीं जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था की धूरी में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय अपनी महत्ती भूमिका रखता है, ऐसे में सरकार को इस व्यवसाय को राहत देते हुए अर्थव्यवस्था के पहिये को मजबूत करना चाहिए।
सामाजिक सरोकार के रुप में भूमिका : शर्मा ने बताया कि वह १९८० में ट्रांसपोर्ट कम्पनीज एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष, १९८२ में ट्रांसपोर्ट कम्पनीज एसोसिएशन के सह सचिव, ऑल इण्डिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस, नई दिल्ली में एक्यूटिव मेम्बर, १९८६ से २००२ तक ट्रांसपोर्ट कम्पनीज एसोसिएशन के सचिव, 1986-95 तक पब्लिक केरियर ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के सचिव, २०१७ और २०१९ में ट्रांसपोर्ट कम्पनीज एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा १९९९ में ट्रक ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पद पर कार्य कर चुके हैं।