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Home ऑटो

ऑफ-हाईवे टायर में देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही है बीकेटी

13 September 2018

admin@bremedies by admin@bremedies
September 13, 2018
in ऑटो, बिज़नेस रेमेडीज, मुख्य न्यूज़ स्लाइड, विविध
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ऑफ-हाईवे टायर में देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही है बीकेटी
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बिजनेस रेमेडीज। भारत ‘मेक इन इंडिया फॉर द वल्र्ड’ पर केंद्रित हो रहा है, जिसका मतलब स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं के निर्यात पर जोर है। हालांकि, आयातित उत्पादों को घरेलू उत्पादों के साथ प्रतिस्थापित करने पर भी समान रूप से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। कितने आश्चर्य की बात है कि आज जहां भारत अंतरिक्ष में अपने लोगों को भेजने की तैयारी कर रहा है, वहीं स्थानीय विकल्प की अनुपलब्धता के कारण रोड टायर्स के कुछ प्रकार आज भी बाहर से आयात किए जा रहे हैं।
इस प्रतिकूल परिस्थिति को दूर करने और टायर विनिर्माण और उपलब्धता में घरेलू आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए, ऑफ-हाईवे टायर में भारत के अग्रणी निर्माता बालकृष्ण इंडस्ट्रीज लिमिटेड (बीकेटी) ने गुजरात के भुज में अपनी विशाल $500 मिलियन डॉलर की लागत से टायर विनिर्माण सुविधा स्थापित की है। 312 एकड़ में फैली हुई इस फैसेलिटी में मुख्य संयंत्र क्षेत्र 72 एकड़ का है, 30 एकड़ में फैले बिजली संयंत्र के अलावा आउटडोर ट्रैक के साथ आर एंड डी सेंटर है जो कि 25 एकड़ में फैला हुआ है। इस तरह यह केवल एक विनिर्माण सुविधा नहीं है बल्कि यहां 15 एकड़ भूमि में व्यवस्थित एक पूर्ण टाउनशिप भी शामिल है। फिलहाल, यहां 51 इंच टायर बिल्डिंग मशीनों के साथ परिचालन हो रहा है, भविष्य का लक्ष्य विनिर्माण मशीनों को 65 मशीनों तक पहुंचा देना है। मौजूदा दैनिक क्षमता लगभग 400 मीट्रिक टन है जिसमें 350 मीट्रिक टन की क्षमता पहले से ही उपयोग ली जा रही है। वर्तमान में निर्मित सबसे बड़ा रेडियल टायर 27.00 आर 49 है और इससे इस तरह के बड़े आकार के टायरों के आयात को कम करने में मदद मिली है।
नए टायर आकारों और पैटर्न के विकास और निर्माण के लिए बीकेटी गहन अनुसंधान और विकास की ओर कदम बढ़ा रहा है, इसी के अनुरूप बीकेटी भुज में महाबीर प्रसाद पोद्दार नॉलेज सेंटर (एमपीकेसी) नामक एक अद्वितीय टायर परीक्षण केंद्र का निर्माण किया गया है।
एमपीकेसी में उन्नत टेस्ट ट्रैक है जो विशेष रूप से कृषि और औद्योगिक टायर परीक्षण के लिए डिजाइन किए गए हैं। इसमें छह अलग-अलग टेस्ट ट्रैक शामिल हैं जिनमें गीले और सूखे ट्रैक दोनों का संयोजन होता है। यहां, बीकेटी के इंजीनियर कई मानकीकृत परीक्षणों के माध्यम से उत्पाद की गुणवत्ता और प्रदर्शन की तुलना व आकलन करते हैं। यहां किए जा रहे सभी परीक्षण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार निर्दिष्ट भार और गति का उपयोग करके होते हैं।
यह किसी भी टायर निर्माता द्वारा निर्मित भारत में पहला उच्च गुणवत्ता वाला परीक्षण ट्रैक है, जहां सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले उत्पादों को रोल-आउट करने के लिए नवाचार, विनिर्माण प्रौद्योगिकी और टायर डिजाइन पर एकसाथ काम किया जाता है। मिश्रित और नई सामग्रियों पर किए गए व्यापक शोध ने एमपीकेसी आर एंड डी केंद्र को मूल उपकरण निर्माताओं के लिए सूचना संसाधन का अद्वितीय केंद्र बना दिया है।
इसके अलावा, टेस्ट ट्रैक के पीछे की ओर विशाल इमारत को सुरेश पोद्दार इनोवेशन हब (एसपीआईएच) कहा जाता है। इसमें भौतिक प्रयोगशालाओं, माइक्रोस्कोपी लैब, विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला, रासायनिक प्रयोगशाला, एजिंग लैब, कंपाउंड लैब, और ‘सुपरनोवा’ नामक हाई टेक सिमुलेशन लैब जैसी विश्व स्तरीय प्रयोगशालाएं हैं।
अंत में, यह इंगित करना उचित होगा कि केवल घरेलू उपकरणों के साथ आयातित उत्पादों को प्रतिस्थापित करना समाधान नहीं है। आर एंड डी प्रयासों पर पूर्ण ध्यान केंद्रित होना चाहिए और एमपीकेसी और एसपीआईएच के माध्यम से उठाए गए बीकेटी की अनूठी पहलों जैसे उत्साही नवाचार किए जाने चाहिए। इन पहलों के साथ सूचनाओं और विशेषज्ञता का निर्माण करना चाहिए ताकि ग्राहकों को ऐसे बेजोड़ उत्पाद उपलब्ध करवाए जा सकें जिन्हें कैसी भी परिस्थितियों में सफलतापूर्वक प्रदर्शन करने के लिए डिजाइन और निर्मित किया गया है।

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